Meri Maa

कितनी शिद्दतो के बाद ,
तूने जन्म दिया मुझे

खिलाकर गोद में तूने
बड़ा किया मुझे ,

कंपकपाती ठंड़ में ऐ माँ
अपनी आँचल में छुपा लिया मुझे ,

तेरी आँचल का कर्ज़ मैं चुका न सका
चाह कर भी मैं तुझको भुला न सका ,

भुला देना मेरी ख़ताओ को वरना
ख़ुदा भी मेरी ख़ताओ को भुला न सकेगा ,

वो काली रातों की बिजलियाँ
अब भी अक्सर डराती है मुझे ,

सहम जाता हूँ मैं और
माँ याद आती है मुझे ,

वो दिन, वो राते, वो बातें सब याद है मुझे
जिस दिन नकारा कहकर बुलाया गया था मुझे ,

सोंचता हूँ अब कैसे बनूंगा "कलाम"
माँ तुझे सलाम माँ तुझे सलाम ।।।