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Title:
Jhooth Ka Pulinda
Description:
सम्पूर्ण साहित्य जगत में ‘संस्मरण’ अथवा ‘आत्मकथा’ के नामपर जो कुछ लिखा गया उसमें कल्पना और आत्मनिष्ठता का अंश बहुत ज्यादा है जिसके कारण इन संस्मरणों तथा आत्मकथाओं पर ‘आत्मश्लाघा’, ‘परनिंदा’, ‘प्रवंचना’ आदि के आरोप लगते रहे हैं। सपाट शब्दों में कहें तो संस्मरण तथा आत्मकथाएँ संपूर्ण साहित्य-जगत में ‘झूठ का पुलिंदा’ के नाम से कुख्यात हैं।