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Title:
Ek Khwaab Jaagti Aankhon Ka
Description:
रख़्शंदा रूही मेहदी एक ऐसी नायाब अफ़सानानिगार हैं जिनके पास कहानी कहने का अपना अलग सलीक़ा है। स्त्री प्रश्नों के अलावा हाशिए के समाज से जुड़े मसलों का वो अपनी कहानियों में अक्स करती हैं। उन्होंने भूमण्डलीकरण की शुरूआत से अब तक की दुनिया को अपने चश्में से देखते हुए उन्हें अपनी कहानियों में बख़ूबी दर्ज किया है। हिंदी और उर्दू दोनों ही साहित्य में उनका नाम बहुत अदब से लिया जाता है।