Balswaroop Rahi

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About Author

बालस्वरूप 'राही'

जन्म: 16 मई, 1936

जन्म-स्थान: तिमारपुर, दिल्ली

पिता का नाम: श्री देवीदयाल भटनागर

आजीविका: दिल्ली विश्वविद्यालय में ट्यूटर, “सरिता” में अंशकालिक कार्य, “साप्ताहिक हिन्दुस्तान” में सह-संपादक (1960-1978), “प्रोब इंडिया” (इंग्लिश) के परिकल्पनाकार एवं प्रथम संपादक, भारतीय ज्ञानपीठ में सचिव (1982-1990), महाप्रबंधक, हिन्दी भवन।

प्रकाशन: मेरा रूप तुम्हारा दर्पण (गीत-संग्रह), जो नितांत मेरी हैं (गीत-संग्रह), राग विराग (हिंदी का प्रथम ऑरा), हमारे लोकप्रिय गीतकार: बालस्वरूप राही (डॉ. शेरजंग गर्ग द्वारा संपादित), जिद बाकी है, राही को समझाए कौन (ग़ज़ल-संग्रह), चलो फिर कभी सही (ग़ज़ल-संग्रह)। बालगीत संग्रह: दादी अम्मा मुझे बताओ, हम जब होंगे बड़े (हिंदी व अंग्रेजी में), बंद कटोरी मीठा जल, हम सबसे आगे निकलेंगे, गाल बने गुब्बारे, सूरज का रथ, सम्पूर्ण बाल कविताएँ, काला अक्षर भैंस बराबर।

संपादन: भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित 8 वार्षिक चयनिकाएँ।

सम्मान तथा पुरस्कार: प्रकाशवीर शास्त्राी पुरस्कार, एन.सी.ई.आर.टी. का राष्ट्रीय पुरस्कार, राष्ट्रीय पुरस्कार (समाज कल्याण मंत्रालय), हिन्दी अकादमी द्वारा साहित्यकार सम्मान, अक्षरम् सम्मान, उद्भव सम्मान, जै जैवन्ती सम्मान, परम्परा पुरस्कार, हिन्दू कॉलिज द्वारा अति विशिष्ट पूर्व छात्रा-सम्मान, साहित्य अकादमी का बाल साहित्य पुरस्कार, केन्द्रीय हिंदी संस्था का सुब्रह्मण्य भारती पुरस्कार।

विशेष: अनेकानेक कवि-गोष्ठियों, कवि-सम्मेलनों आदि में सक्रिय भागीदारी। रेडियो, टी.वी. में अनेक कार्यक्रम। आकाशवाणी से एकल काव्य-पाठ। आकाशवाणी के सर्वभाषा कवि-सम्मेलन में हिन्दी का प्रतिनिधित्व (2003)। टी.वी. तथा आकाशवाणी के अनेक वृत्तचित्रों, धारावाहिकों की पटकथा, आलेख, गीत। संगीत नाटक विभाग के अनेक ध्वनि-प्रकाश कार्यक्रमों के लिए आलेख तथा गीत। दूरदर्शन द्वारा कवि पर वृत्तचित्र प्रसारण।

सम्प्रति: स्वतंत्रा लेखन।

सम्पर्क सूत्रा: डी 13ए/18, द्वितीय तल, मॉडल टाउन, दिल्ली-110009

सम्प्रति: स्वतंत्रा लेखन।

फोन नं.: 011 27213716