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Title:
Kavita Ka Loktantra
Description:
रमणिका गुप्ता की कविता में किसी भी क्षण, किसी भी तरह का फासला मौजूद दिखाई नहीं देता। ऐसा केवल इस कारण नहीं कि भाषा आवेग से थरथराती महसूस होती है; ऐसा इसलिए भी है कि प्रायः हर कविता में कोई ठोस वास्तविक अनुभव सामने मौजूद दिखाई देता है और देखने, महसूस करने के क्षण में ही कविता बनती या बिगड़ती दिखती है। ...ये कविताएं प्रायः किसी विकट अनुभव की कविताएं हैं।’