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Title:
Bahujan Sahity Ki Prastavna
Description:
बहुजन साहित्य की प्रस्तावना" शीर्षक यह किताब हिन्दी और भारतीय भाषाओं में बहुजन साहित्य की अवधारणा पर विमर्श प्रस्तुत करती है। बहुजन साहित्य की अवधारणा का विकास वस्तुत: साहित्य की आलोचना के विकास का सवाल है। आज के भारतीय परिप्रेक्ष्य में प्रमुख वंचित तबके हैं- स्त्रियां, अनुसूचित जातियां, अनुसूचित जनजातियां, अन्य पिछड़ा वर्ग, विमुक्त घूमंतू जातियां व सभी पसमांदा धार्मिक अल्पसंख्यक।