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Title:
Toote Pankhon Se Parwaz Tak
Description:
अतीत में जाकर आत्मकथांश लिखना इतना आसान नहीं, क्योंकि उन त्रासपूर्ण पीड़ादायी स्थितियों को दोबारा जीना पड़ता है। अतीत में घटी वे दुखद घटनाएं आज भी उतनी ही पीड़ादायी हैं। कुछ प्रसंगों को लिखते हुए आज भी मेरी आंखें तब ही की भांति निरंतर बहने लगती हैं। सुखद यह है कि अंधड़ों से भरे तपते रेगिस्तान के समान उस समय को पार कर आज मैं हरी-भरी तलहटी में हूँ