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Title:
Hindi Vyangya Ka Naavak: Sharad Joshi
Description:
इस पुस्तक में भी शरद साहित्य एवं व्यक्ति आलोचना के विभिन्न पक्ष भी आपको पढ़ने को मिलेंगे। इस आयोजन को अपनी परिणति तक पहुंचाने में व्यंग्य के शुभचिंतकों ने दिल खोल के साथ देने वाला जैसा भरपूर साथ दिया। यह मेरा कमाल नहीं था, यह शरद जी का कमाल था। उनके प्रशंसक उनके लिए बहुत कुछ करने को निरंतर तत्पर हैं। यही बहुत कुछ का भाव मेरे संपादकीय मन में भी रहा। बहुत कुछ में कुछ अक्सर छूट ही जाता है।