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Title:
Nanhe Sapanon Ka Sukh
Description:
सरिता सिंह बड़ाइक की कविता जीवन से भाषा तक की नयी खोज की तरह है। वे एक ऐसी ‘चीक बड़ाइक’ जनजाति से आती हैं, जिसकी अस्मिता ही नहीं अस्तित्व भी खतरे में है। सरिता हिंदी और नागपुरिया में लिखती हैं और अपनी पहचान के संकट और संघर्ष को लगातार अपनी कविता का विषय बनाती हैं। सरिता की कविता का संसार एक बिल्कुल ही नया संसार है।