This is an ebook only and can't be downloaded and printed.
Add To BookRack
Title:
Kavita ki Samkaleen Sanskriti
Description:
बीती शताब्दी के अंतिम दशक में दर्जनाधिक कवियों ने अपनी पहचान न सिर्फ़ कायम की बल्कि सदी की सरहद पर भोर की आहट दे रहे 21वीं सदी के युवा कवियों का मार्ग दर्शन भी किया। नरेश सक्सेना, ज्ञानेन्द्र पति, राजेश जोशी, मंगलेश डबराल, विजेन्द्र, अरुण कमल, ऋतुराज, चन्द्रकान्त देवताले, जैसे प्रगतिशील चेतना के गायकों ने नागार्जुन, धूमिल और कुमार विकल के बाद उत्पन्न गैप को भरने की महत्वपूर्ण कोशिश की।