खटिया शब्द की व्युत्पत्ति

खटिया


नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित संक्षिप्त हिंदी शब्दसागर में खटिया कि उत्पत्ति के बारे में लिखा गया है ‘हिन्दी खाट + इया=खटिया। इसी शब्दकोश में खाट की उत्पत्ति के बारे में लिखा है-संस्कृत खट्वा। वर्धा हिंदी शब्दकोश में ख़तरा मोल नहीं लिया गया, खटिया शब्द की उत्पत्ति के बारे में बताया ही नहीं गया है। खाट के बारे में ज़रूर लिखा गया है कि इसकी उत्पत्ति संस्कृत से है।

जिज्ञास जगना स्वाभाविक है कि भारत की अन्य भाषाओं में खटिया जैसे शब्द के लिए कौन से शब्द इस्तेमाल होते हैं। सन् 1984 में क्लैरेंडन प्रेस, ऑक्सफ़ोर्ड से छपी T. Burrow और M. B. Emeneau कि लिखी पुस्तक A Dravidian Etymological Dictionary को खंगालने पर कुछ जानकारी प्राप्त हुई। इस पुस्तक में शब्द संख्या 1145 पर द्रविड़ भाषाओं के सम्बन्ध में भाषावार विवरण दिया गया है जो इस प्रकार है:

तमिऴ में शब्द है कट्टिल्। तेलुगु में कटलि शब्द का इस्तेमाल होता है। गॊण्डि भाषा में  में कट्टुल् और कट्टुड् शब्द हैं जिसका बहुवचन कट्टुख् है।  एक अन्य भाषा कॊण्डा में कटॆल्। पॆङ्गो और मण्डा भाषाओं में कटॆल् बोला जाता है। कुई नामक भाषा में यह शब्द गटॆलि बन जाता है। कुवि नाम की द्रविड़ भाषा में शब्द हैं कटॆलि, गटॆलि, कुटॆलि। टर्नर की लिखी किताब Comparative Dictionary of the Indo-Aryan Languages में खटवा, खट्टि और कटाह शब्दों का उल्लेख है। कुरुख नाम की द्रविड़ भाषा में  खटि और मल्टो भाषा में कटि और कटॆ शब्दों का उल्लेख है। 

इस आलेख का उद्देश्य यह चिंता व्यक्त करना  है कि हिंदी शब्दकोश तैयार करते समय ज़रूरत भर मेहनत नहीं की गई है। हो सकता है उस ज़माने में इतनी सुविधाएँ न हों। लेकिन अब तो सारे संसाधन हैं। गौरतलब बात यह है कि उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य से अब तक भारतीय भाषाओं के ऊपर जो उल्लेखनीय और महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं वो अंग्रेज़ों द्वारा ही किए गए हैं। यह अलग बात है कि उनके द्वारा तैयार किया गया भारतीय भाषाओं का विज्ञान पक्षपातपूर्ण और विभाजनकारी है। 

आज की आवश्यकता है कि भारतीय भाषाओं का एक समन्वित Etymological शब्दकोश तैयार किया जाए। खटिया शब्द की उत्पत्ति द्रविड़ भाषाओं में प्रतीत होता है न कि संस्कृत में। भारत के लोग एक शब्दकोष को साझा करते थे लेकिन इतिहास में कहीं कुछ ऐसा हुआ कि हमारा साझा शब्दकोश मिटा दिया गया। खटिया शब्द बाता है कि हम अगर ज़ोर डालें तो हिंदी सहित सभी भाषाओं के तमाम शब्दों की सही वंशावलि तैयार कर सकते हैं।