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Title:
Bheegi si hansi
Authors:
Description:
Description मूलतः मेरा लेखन स्वांत: सुखाय है। ख्यालों का कारवां मेरे मन में हमेशा चलता रहता है और वही मेरी लेखनी कागजों पर कविता के रूप में लिखती है। पुराने सपने को पूरा करने की कोशिश या फिर से नए सपने बुनने के प्रयास को मूलमंत्र बना कर उमंगों से भरा जीवन जिया जाए, ऐसा मेरा प्रयास रहता है। उम्मीदों को थाम कर ख्वाहिशों की पतंग उड़ने जैसी इच्छा भी है, जो मैं लिखती हूं।