This is an ebook only and can't be downloaded and printed.
Add To BookRack
Title:
Suraj ki Chhanv Mein
Description:
प्रस्तुत संग्रह की कविताएं एक दशक पूर्व लिखी गयी। सन् 2009 में यह संग्रह तैयार हो चुका था। पर इसके प्रकाशन में किन्हीं कारणों से देरी हुई। ये कविताएं ‘‘समाज को जैसा देखा लिख दिया’’ की तर्ज पर हैं। जहाँ मुझे किसी विशेष मनोदशा की आवश्‍यकता नहीं पड़ी। हाँ! कुछ व्याकुलता के लक्षण कविता में दिखाई पड़ सकते हैं, जो मेंरे कर्म जीवन की प्रेरणाएं हैं। अधिकांश कविताओं को मैंने देखा ही नहीं अपितु जिया भी है।