महाकवि श्री कन्हैयालाल सेठिया (11 सितम्बर 1919-11 नवंबर 2008) राजस्थानी भाषा के प्रसिद्ध कवि थे। आपको 2004 में पद्मश्री, साहित्य अकादमी पुरस्कार तथा 1988 में ज्ञानपीठ के मूर्तिदेवी साहित्य पुरास्कार से भी सम्मानित किया गया था।कन्हैयालाल सेठिया राजस्थानी भाषा के महान रचनाकार होने के साथ साथ वो एक स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता, सुधारक, परोपकारी और पर्यावरणविद भी थे. धरती धोरा री और पाथल और पीथल इनकी लोकप्रिय रचनाएं थी. सुजानगढ़ चुरू में जन्मे सेठिया गांधीजी से बड़े प्रभावित थे. उन्ही के प्रभाव से खादी के वस्त्र धारण करना, दलित उद्धार कार्य करना तथा राष्ट्रभक्ति से ओत प्रेत रचनाएं लिखा करते थे. इनकी रचना अग्निवीणा में अंग्रेजी हुकुमत को ललकार थी जिसके कारण उन पर राजद्रोह का केस लगा तथा इन्हें जेल भी जाना पड़ा. ये बीकानेर प्रजामंडल के सदस्य भी रहे तथा भारत छोड़ों आंदोलन के दौरान कराची में इन्होने जनसभाएं कर लोगों को जागृत करने की दिशा में कार्य किया. राजस्थानी कविता के सम्राट सेठिया को मृत्युप्रांत 31 मार्च 2012 को राजस्थान रत्न सम्मान देने की घोषणा की.