चेतना भाटी
भारत की सुप्रसिद्ध, वरिष्ठ साहित्यकार लगभग तीन दशकों से सतत साहित्य साधनारत, 27 जून 1957 भीकनगांव (खरगौन) म. प्र. में जन्मी और बी. एस-सी. एम. ए. एल-एल. बी. तक शिक्षित, साहित्य की विभिन्न विद्याओं जैसे-व्यंग्य-लघुकथा-कहानी-उपन्यास आदि में लिखने वाली श्रीमती चेतना भाटी की अब तक बारह कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं। व्यंग्य संग्रह-दिल है हिंदुस्तानी, दुनिया एक सरकारी मकान है, विक्रम-बेताल का ई-मेल संवाद।
कहानी संग्रह-एक सदी का सफरनामा, नए समीकरण, जब तक यहाँ रहना है, ट्रेडमिल पर जिंदगी। लघुकथा संग्रह-उल्टी गिनती, सुनामी सड़क, खारी बूँदें।
उपन्यास-चल, आ चल जिंदगी, चंद्रदीप।
संपादन- कहानी, लघुकथा, कविता, लेख आदि में दो पेपर बैक पुस्तकों व सात ई बुक्स का संपादन।
आपको प्राप्त विभिन्न सम्मानों में अंतरराष्ट्रीय शालिका भूषण सम्मान, मंजूश्री सम्मान, ईश्वर-पार्वती स्मृति सम्मान, काशीबाई मेहता सम्मान, कृति कुसुम सम्मान, शब्द शिल्पी व डॉ. सरोजिनी कुलश्रेष्ठ कहानी सम्मान प्रमुख हैं।
चेतना भाटी के व्यक्तित्व-कृतित्व पर लघुशोध सहित कथा-कहानी पर पी-एच. डी. शोध प्रबंध में शामिल। विश्वविद्यालयिन पाठ्यक्रम में शामिल हैं लघुकथाएं। उनकी रचनाओं का पंजाबी-मराठी में अनुवाद तथा आपकी रचनाओं का प्रकाशन अनेकानेक पत्र-पत्रिकाओं, साझा संकलनों में एवं प्रसारण आकाशवाणी द्वारा किया गया है। वे प्रौढ़-नव-साक्षरों के लिए भी लेखन करती रही हैं।
निदेशक, चेतना सहित्य अकादमी, भूतपूर्व अध्यक्ष, इंदौर लेखिका संघ, इंदौर
फोटोग्राफी मेरा शौक है यानी दो तरह से लिखती हूँ-कलम से और कैमरे से भी। क्योंकि मैं मानती हूँ कि हर छायाचित्र एक कहानी होता है।
वास्तव में तो कुछ न कुछ रचनात्मक करते रहना पसंद है, बागवानी भी करती हूँ।