प्रकाश मनु
सुप्रसिद्ध साहित्यकार, संपादक और बच्चों के प्रिय लेखक।
मूल नाम: चंद्रप्रकाश विग।
12 मई, 1950 को शिकोहाबाद (उ.प्र.) में जनमे प्रकाश मनु के लीक से हटकर लिखे गए उपन्यासों ‘यह जो दिल्ली है’, ‘कथा सर्कस’, ‘पापा के जाने के बाद’ की जबरदस्त चर्चा हुई। इसी तरह कहानी और कविताओं का अपना एक अलग रंग। अभी हाल में छपा आत्मकथा का पहला खंड, ‘मेरी आत्मकथा: रास्ते और पगडंडियाँ’ भी खूब सराहा गया। ‘यादों का कारवाँ’ में हिंदी के शीर्ष साहित्यकारों के संस्मरण। साहित्य अकादेमी के लिए देवेंद्र सत्यार्थी और विष्णु प्रभाकर पर मोनोग्राफ। सत्यार्थी जी की संपूर्ण जीवनी ‘देवेंद्र सत्यार्थी: एक सफरनामा’ प्रकाशन विभाग से प्रकाशित। बाल साहित्य की विभिन्न विधाओं में डेढ़ सौ से अधिक पुस्तकें, जिन्हें बच्चे ही नहीं, बड़े भी खोज.खोजकर पढ़ते और सराहते हैं।
हिंदी में बाल साहित्य का पहला बृहत् इतिहास ‘हिंदी बाल साहित्य का इतिहास’ लिखा, जो स्वयं में मील के पत्थर सरीखा ऐतिहासिक कार्य है। इसके अलावा ‘हिंदी बाल कविता का इतिहास’, ‘हिंदी बाल साहित्य के शिखर व्यक्तित्व’, ‘हिंदी बाल साहित्य के निर्माता’, ‘हिंदी बाल साहित्य: मेरे कुछ साक्षात्कार’ और ‘हिंदी बाल साहित्य: नई चुनौतियाँ और संभावनाएँ’ पुस्तकें भी। कई महत्त्वपूर्ण संपादित पुस्तकें और संचयन। कई पुस्तकों का पंजाबी, सिंधी, मराठी, गुजराती, कन्नड़ समेत अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद।
पुरस्कार: बाल उपन्यास ‘एक था ठुनठुनिया’ पर साहित्य अकादेमी का पहला बाल साहित्य पुरस्कार। उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के ‘बाल साहित्य भारती पुरस्कार’ और हिंदी अकादमी के ‘साहित्यकार सम्मान’ से सम्मानित। कवितासंकलन ‘छूटता हुआ घर’ पर प्रथम गिरिजाकुमार माथुर स्मृति पुरस्कार।
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