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जीवन सुख दुःख का संगम है,संघर्षों की एक सृंखला है, अच्छे समय, खुशियों और उपलब्धियों के साथ-साथ विषम परिस्थितियां, प्रतिकूलतायें और दुःख भी आएगा ये जीवन का हिस्सा है।
हो सकता है आप मे से अलग-अलग लोग इस लेख से अलग अलग निस्कर्ष पर पहुंचे मोरल ऑफ द आर्टिकल आप ही तय करें।(यथा दृष्टि तथा सृष्टि )
प्रकृतवाद, भौतिकवाद, नेचुरल रिसोर्स, मानव का विकास, जीवाश्म और हमारी जरूरतें
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