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आदि शंकर को दीक्षा
सन्सार में कुछ भी स्थायी नहीं है, जिसे छू सकते हैं, देख सकते हैं पृथ्वी, सूर्य चन्द्र सबकी अपनी आयु है।
पाँच तरीके से लिखी पाँच पुस्तके
नीलोत्पल मृणाल का यह उपन्यास न सिर्फ बेस्टसेलर साबित हो रहा है बल्कि साहित्यिक हल्क़ों में भी इतनी सराही गयी कि इसे वर्ष 2016 का साहित्य अकादेमी युवा पुरस्कार से भी नवाज़ा गया है।
भारत जैसे देश में जहाँ कहा जाता ही की उसकी भाषाई धड़कन हिंदी है इसके वावजूद हिंदी दिवस मनाना कोई बड़ी बात नहीं होनी चाहिए।
کتاب: من کی آواز تبصرہ: حامد علی زیدی