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Title:
Siskiyan Leta Swarg
Authors:
Description:
परिस्थितियाँ जटिल, मार्मिक और भयावह हों और लेखक स्वयं उनका एक हिस्सा हो तो उन्हें डायरी के पन्नों पर उतारना मानसिक और मनोवैज्ञानिक उत्पीड़न का अनुभव देता है। बात 1997 की है जब कश्मीर घाटी की परिस्थितियाँ बेहद ख़राब थीं। मैं हद से ज़्यादा डरा हुआ और उदास था। तीन बार मिलिटेंटों के हाथों मेरा अपहरण हो चुका था, मुझे यातनाएँ दी गईं थीं और दो बार फ़ौजियों ने भी मुझे पीटा था । मिलिटेंटों की हिट लिस्ट में मेरा नाम लिखा जा चुका था और मैं एक महीने तक अपने चंद रिश्तेदारों के घर पर छुपा बैठा था। मैं इस डायरी के बहाने आपके समक्ष सिसकियाँ लेते कश्मीर, सिसकियाँ लेते स्वर्ग को रख रहा हूँ, इस उम्मीद के साथ कि शायद आपको कश्मीर की परिस्थितियों में जीवन बिता रहे आम कश्मीरी का परिचय मिल सके।