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Title:
Jail Diary
Description:
विद्यार्थीजी की यह जेलयात्रा कोई 7 महीने से ऊपर की रही। 16 अक्टूबर 1921 को स्‍वयमेव उन्‍होंने कानपुर में गिरफ्तारी दी और कोई 10 दिन तक कानपुर जेल में रखने के बाद उन्‍हें लखनऊ जिला जेल भेज दिया गया, जहाँ 31 जनवरी 1922 से उन्‍होंने अपनी जेल डायरी लिखनी शुरू की और 17 मई 1922 तक वह विधिवत् लिखी जाती रही। 22 मई 1922 को उन्हें जेल से मुक्‍त किया गया। बाहर आकर उसकी डायरी के आधार पर उन्‍होंने अपने जेल-जीवन के विस्‍तृत संस्‍मरण लिखे, जो 'जेल-जीवन की झलक' शीर्षक से 'प्रताप' के कई अंकों में धारावाहिक प्रकाशित हुए और खूब सराहे गए।