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Title:
Ghar Ki Raah
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Description:
यह तो स्पष्ट है कि 'घर की राह' में दलित जीवन की कथा कही गई है, पर इन्द्र बसावड़ा दलित हैं या नहीं...यह मुझे पता न चल सका । ऐसा नहीं कि मैंने कोशिश नहीं की । खूब कोशिश की । सोचा कि घुमा-फिराकर बसावड़ा को दलित सिद्ध कर दूँ और इस उपन्यास को 'हिन्दी का पहला दलित उपन्यास' की महिमा से मंडित कर दूँ और तीर मार लूँ । पहले सोचा, बाँस काटनेवाला बसावड़ा तब तो दुसाध या भंगी हो सकता है।