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Title:
Pratirodh Ki Virasat Aur Vaishvik Punji Ka Prabhutv
Description:
यह वैश्विक पूंजी सत्ता के प्रभुत्व का दौर है । चारों तरफ एकलध्रुवीय शक्ति तंत्र है । राष्ट्र राज्य इस तंत्र के समक्ष असहाय प्रतीत होते हैं । एक 'अदृश्य साम्राज्य' की गिरफ्त में दुनिया है । आधुनिकता और मध्ययुगीनता के बीच अंतर्विरोध तेज होते जा रहे हैं । लोकतंत्र को भी कटघरे में खड़ा किया जा रहा है । इसकी प्रभावशीलता पर प्रश्नचिह्न लगने लगे हैं ।