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Title:
Prayojan Mulak Hindi Aur Anuvad
Description:
जब भाषा समाज मे विशिष्ट प्रयोजनात्मक अथवा सेवा-माध्यम की भाषा के रूप में प्रयोग में लायी जाती है जो वह 'प्रयोजनमूलक भाषा' कहलाती है । आज वैश्वीकरण के इस युग मे हिंदी के इसी प्रयोजनमूलक रूप के समुचित विकास की नितांत आवश्यकता है ताकि 'हिंदी' बाज़ार की भाषा बनकर सेवा-माध्यम एवं रोजी-रोटी की भाषा बन सकें ।