कर्मण्य

1.दुनिया विश्राम स्थल नहीं, बल्कि कार्यस्थल है, ज़िंदगी विचलने के लिए नहीं बल्कि कुछ कर दिखाने के लिए है।
2.संसार का हर कण अद्वितीय है उसकी अपनी उपयोगिता है, किसी के लिए कोई चीज़ बेकार तो कोई बेकार चीजों का शिल्पकार है।
3.परिवार व्यक्ति की प्रथम पाठशाला होती है जहाँ से वो सीखना शुरू करता है और अच्छे-बुरे संस्कार ग्रहण करता हैं

4जिंदगी में में जब कुछ भी समझ मे न आये तब भी एन्जॉय करो
कच्चा बादाम हमे कहाँ समझ में  आता है हम सब ने एन्जॉय किया
हमारे पास क्या है जितना है उसमें खुशियां ढूंढनी चाहिए
क्या नही मिला उसका शोक नही करना चाहिए।
5.जीवन के हर पल का खुल कर आनंद लें, भयमुक्त होकर खुल कर जियें।