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उत्तर प्रदेश इतिहास और उपलब्धियां
Shyam Nandan Pandey
Saturday, October 8, 2022
सारी दुनिया में उत्तर प्रदेश को आगरा के ताजमहल, लखनऊ की नज़ाकत, बनारस के घाट, कनपुरिया मिज़ाज, इलाहबाद के संगम आदि के कारण जाना जाता है।
यहां के लोग, हिन्दी के ही अलग-अलग रूपों को बोलते हैं।
दिल्ली की सत्ता का संधान उत्तर प्रदेश की rajneeti से होता है
उत्तर प्रदेश और इसकी महत्ता को 6 प्रमुख बिन्दुओं से समझते हैं1)जनसंख्या,2)इतिहास, 3)जन्म स्थली व तपोभूमि,4)संंगीीत और शिक्षा, 5)देश मे प्रथम ,6)कृषि
1)जनसंख्या
2011 की जनगणना के आधार पर विश्व में केवल पाँच राष्ट्र चीन, स्वयं भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका , इंडोनिशिया और ब्राजील की जनसंख्या उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है।
2021 होने वाली जनगणना कोरोना की वजह से हो नहीं पायी
पर 2022 मे प्रदेश की अनुमानित जनसंख्या 24-25 करोड है
हालाकि योगी जी ने हाल्ही किसी ब्राह्माण मे प्रदेश की जनसंख्या 23 करोड बताई है।
इस आधार पर 2022 में भारत को छोड दे तो दुनिया के सिर्फ 3 देश चीन, संयुक्त राज्य अमेरिका और इंडोनिशिया की जनसंख्या ही उत्तर प्रदेश की जनसंख्या से अधिक है।
बाकी दुनिया में 190 देशों की आबादी उत्तर प्रदेश से कम है। भारत के इस राज्य को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक राज्य होने का गौरव प्राप्त है।
उत्तर प्रदेश की जितनी आबादी है, उतनी आबादी में समूचे ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में भी नहीं है।
भारत के हर 6 आदमी में से एक आदमी उत्तर प्रदेश राज्य का होता हैl
2)इतिहास
भारतीय इतिहास में प्रदेश का अविष्मरणीय योगदान है
वैसे तो उत्तर प्रदेश की स्थापना 24 जनवरी 1950 है इससे पहले संयुक्त प्रांत, अवध और युनाइटेड प्रॉविंस के नाम से जाना जाता था
पर उत्तर प्रदेश की जमीन पर मनुष्य का ज्ञात इतिहास 4000 साल से भी पुराना
वैदिक सभ्यता का उद्भव उत्तर प्रदेश मे आर्यों के आगमन पर हुआ और उत्तर प्रदेश के घाघरा नदी क्षेत्र को अपना घर बनाया और उन्ही क नाम पर देश का नाम आर्यावर्त पडा।
संसार के प्राचीनतम नगरों में से एक वाराणसी नगर उत्तर प्रदेश मेंही है
साल 2000, उत्तराखंड के अलग होने से पहले उत्तर प्रदेश देश की भौगोलिक स्थिति भारत देश सरीखी ही थी। सिर्फ समंदर ही नहीं था उत्तर प्रदेश के पास। भौगोलिक स्थिति को देखें, तो उत्तर में पहाड़, पश्चिम में रेगिस्तान, बीच अवध वाले इलाके में सर्वश्रेष्ठ दोमट मिट्टी, तो दक्षिण में पठारी इलाका। उत्तर में चिकनी मिट्टी और घने जंगल। इस तरह से उत्तर प्रदेश सर्वाधिक जैव विविधता वाला राज्य भी रहा।
उत्तर प्रदेश-महर्षि देश और मध्य देश के नाम से भी जाना जाता है
प्रदेश के चंदौली और सिंगरौली में पुरा पाषाण काल के साक्ष्य प्राप्त हुुऐ यहां को मिट्टी सबसे ज्यादा उपजाओ है
3)जन्म स्थली व तपोभूमि
भगवान श्रीराम, श्री कृष्ण
बौद्ध और जैन की जन्म स्थली और तपोभूमि उत्तर प्रदेश ही है,
गंगा यमुना और सरस्वती का संगम भी यहीं है
रामायण और महाभारत लिखा गया
वैदिक काल मे महान ऋषियों की तपोभूमि रहा है उत्तर प्रदेश
भारद्वाज, गौतम ऋषि,बशिष्ठ और बालमीकि जैसे ऋषि शामिल हैं
चंद्रगुप्त प्रथम, मौर्य सम्राट अशोक, समुद्रगुप्त, हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे महान शाशको की कर्मभूमि रहा है
तुलसीदासजी, सूरदासजी कबीर रामानंद जैसे संतों ने हिंदी का विकास हुआ
आगरा के ताजमहल मथुरा, विन्दावन अयोध्या और प्रयागराज जैसे स्थल भी है
आधुनिक भारत मे जवाहर लाल नेहरू, मदन मोहन मालवीय, मौलाना आजाद, गोबिंद भलभ पंत और सरोजनी नायडू और महान क्रांतिकारी चंद्र शेखर आजाद और राम प्रसाद विश्मिल और असफाख उल्ला खान के बलिदान की गवाह है
4)संंगीीत शिक्षा और संगीत
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय
एशिया का सबसे बड़ा रिहायशी विश्वविद्यालय है जिसमे 30 हजार से ज्यादा छात्र पढ़ रहे हैं जिनमे लगभग 34 देशों से आये हुए छात्र भी शामिल हैं
उत्तर प्रदेश में 55विश्व विद्यालय हैं जिसमें4 केंद्रीय विश्व विद्यालय हैं
• उत्तर प्रदेश
माध्यमिक शिक्षा
परिषद एशिया का
सबसे बड़ा
शैक्षणिक
बोर्ड
है.
संगीत छेत्र में स्वामी हरिदास ,बल्लभाचार्य, अमीर खुसरो, व तानसेन ने संगीत को पूरे देश मे फैलाया
उत्तर प्रदेश में लोक गीत (फॉल्क) बिरहा, चैती, कजरी, रसिया, सोहर फाग और आल्हा पूरे देश मे सुना और पसंद किया जाता है
हिंदी सिनेमा नौसाद, मजरूह जावेद अख्तर कैफ़ी आज़मी, सुलतालपुरी , मासूम रजा, अमिताभ बच्चन नीरज,क़A अलग मकाम तक पहुंचाया
अंतरास्ट्रीय ख्याति प्राप्त सितार वादक भारत रत्न पंडित रविशंकर उत्तर प्रदेश के वराणसी से ही थे
5)देश मे प्रथम
अंग्रेजो के विरुद्ध प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का शंखनाद 1857 में मंगलपांडे की अगुवाई में उत्तरप्रदेश के मेरठ से हुआ।
भारत की राजनीति में उत्तर प्रदेश हर तरह से प्रथम स्थान पर है
बुुद्ध जी ने अपना पहला उपदेश उत्तरप्रदेश के वाराणसी (बनारस) के निकट सारनाथ में दिया और एक ऐसे धर्म की नींव रखी, जो न केवल भारत में, बल्कि चीन व जापान जैसे सुदूर देशों तक भी फैला
देश की पहली महिला राजपाल सरोजनी नायडू और
पहली महिला मुख्यमंत्री सुचेतकृपालनी पूरे देश का गौरव है
ये अवसर उत्तर प्रदेश को प्राप्त है
महा रानी लक्ष्मी बाई जिन्होंने ने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिये थे वाराणसी उत्तर प्रदेश से थी
अब तक के देश के 15 प्रधान मंत्रियों में से 9 प्रधानमंत्री उप से हुए।
केंद्र सरकार की योजनाओं और उनकी क्रियान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश 25वें स्थान से प्रथम स्थान पर आ गया है
उत्तर प्रदेश देश के सबसे अधिक इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली स्टेट में से एक है
1964 से अब तक 10 बार राष्ट्रपति शाशन लगे है
। कहा जाता है
उत्तर प्रदेश भारत की राजकीय भाषा हिन्दी की जन्मस्थली है। शताब्दियों के दौरान हिन्दी के कई स्थानीय स्वरूप विकसित हुए हैं। साहित्यिक हिन्दी ने 19वीं शताब्दी तक खड़ी बोली का वर्तमान स्वरूप (हिन्दुस्तानी) धारण नहीं किया था। वाराणसी के भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (1850-1885 ई.) उन अग्रणी लेखकों में से थे, जिन्होंने हिन्दी के इस स्वरूप का इस्तेमाल साहित्यिक माध्यम के तौर पर किया था।
उत्तर प्रदेश की चिकनकारी और कालीन दुनिया भर में प्रसिद्धहै
6)कृषि
उत्तर प्रदेश की अधिकांश जमीन कृषी योग्य है और उपजाऊ है
कहा जाता है कि आर्यों को उत्तर प्रदेश की मिट्टी से बेहतर मिट्टी कहीं नहीं मिली और वो यहीं बस गए। यहीं उन्हें गंगा का पानी भा गया।
सभी प्रकार के अनाज और गन्ने के उत्पादन मे उत्तरप्रदेश पहले स्थान पर है और सब्जियों के उत्पादन में दूसरे स्थान पर है
उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक दूध उत्पादन वाला राज्य है
उत्तर प्रदेश की विन्ध्य पर्वत श्रंखला के बीच बहुत बड़ी मात्रा में खनिज सम्पदा भरी हुई है. उत्तर प्रदेश में मुख्य रूप से चूना पत्थर, मैग्नेसाइट,तांबा, जिप्सम जैसे खनिज पाए जाते हैं
कृषि क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश को पहला स्थान प्राप्त हुआ ।
लघु और कुटीर उद्योग
अक्सर ऐसा देखा गया है कि एक खास तरह का उद्योग किसी खास इलाके या जगह पर ही पनपता है. इसका कारण उस जगह पर संसाधनों की उपलब्धता या खास प्रतिभा का पाया जाना हो सकता है. उत्तर प्रदेश के लगभग हर जिले ने किसी ना किसी उत्पाद को बनाने में दक्षता हासिल कर रखी है. उदाहरण के तौर पर अलीगढ़ के ताले, फिरोजाबाद की चूड़ियाँ, मेरठ के खेल का सामान या फिर खुर्जा और गाज़ियाबाद के चीनी मिटटी के बर्तन को लिया जा सकता है.
प्रदेश अपने-आप में ही शुरूआत से अपनी शान-ओ-शौकत एवं मीठी एवं कभी खड़ी बोली के लिए जाना जाता रहा हैं। आप कहना हमारा शौक या आदत नहीं परंतु वह तहजीब है जो हमें बचपन से सीखाई जाती है,जैसे कि-बड़ों को आप कहते है,तुम नहीं। और कहीं ना कहीं हमारी हिन्दी में पकड़ का कारण यही से आता है।
-Shyam Pandey
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