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Title:
Sevasadan
Authors:
Description:
प्रेमचंद ऐक सजग और सचेत लेखक थे। वे एक ऐसे समाज की संरचना करना चाहते थे जिसमें सबके लिए सम्मानपूर्वक जीवन जीने की राहें खुल सके। उन्होंने एक लेखक के नाते अपने इस दायित्व को पहचाना। ‘साहि‍त्य का उद्देश्य' नामक अपने निबंध में उनका कहना है: ''साहित्यकार का उद्देश्य केवल महफिल सजाना और मनोरंजन का सामान जुटाना नहीं है-उसका दर्जा इतना न गिराइए। Total No. of Pages: 300