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Title:
HazariPrasad Dwivedi: Gyan Ka Alok Parv
Description:
द्विवेदी जी के एक निबंध संग्रह का शीर्षक है—'आलोक पर्व’। जब भी ऋतु चक्र बदलता है तो कृषि चक्र भी बदलता है। उस संधि काल में तमाम त्यौहार होते हैं जिन्हें पर्व कहा जाता है। पर्व का अर्थ है-पोर। यानी गांठ। यह विकास का सूचक है। द्विवेदी जी स्वयं ज्ञान के आलोक पर्व थे। इसीलिए इस संकलन का नाम ‘हजारीप्रसाद द्विवेदी : ज्ञान का आलोक पर्व’ रखा गया है।