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Title:
Vishwas Ki Rajat Sipiyan
Description:
उषा की इन रचनाओं में वह आंतरिक दाहकता मौजूद है जो रचना के लिए किसी को विवश करती है.... शायद यहीं से रचना का आगाज भी होता है। अच्छा यह है कि उषा की यह कविताएं किसी अधैर्य की उपज नहीं है इनमें वह आंतरिक ऊष्मा और ऊर्जा मौजूद है जो कविता को निजता प्रदान करती है-एक जमीन देती है। संकुल और प्रवासी-परदेसी मन के बिखरे रूपाकारों को शब्द मिल जाते है तो वे शब्द अपनी तरतीब भी तलाश लेते हैं।