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Title:
Dalit Mukti Andolan
Description:
कोई आन्दोलन विस्तार पाता है, तो वह अपनी परंपरा की पहचान करता है। जो आन्दोलन अपनी प्रगतिशील परंपरा की सही पहचान करके उसे अपने आन्दोलन से जोड़ पाता है, तभी उसका भविष्य भी उज्ज्वल होता है। परंपरा के प्रति व्यवहार पर ही दलित-आन्दोलन व चिंतन का भविष्य टिका है। चिंताजनक पहलू यही है कि वर्तमान की उपलब्धियों से उत्पन्न अतिरिक्त जोश की झोंक में अपनी परंपरा को ही गरियाने न लगें।