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Title:
Chuninda Sher Aur Ghazalein
Description:
वरिष्ठ आलोचक डॉ. कृष्णदत्त पालीवाल का कहना है कि इन ग़ज़लों में व्यक्तिगत दुःख-दर्द से ऊपर उठ कर अन्य सामाजिकों की पीड़ा को वाणी दी गई है। ये शोषण के विरोध में प्रबल स्वर उठाती ग़ज़लें हैं। प्रकृति सम्बन्धी कवितायें बेहद चुस्त और प्रभवित करने वाली हैं। इनकी भाषा और प्रतीक अनेकार्थी बहुआयामी हैं और इनमें भाव और भाषा कि अद्भुत ताजगी है।