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Title:
Do Kamre Ka Man
Description:
कलानाथ मिश्र का सजग रचनाकार अपनी समाज सापेक्ष दृष्टि से उन आहटों को निरन्तर टोह और सुन रहा है जिसे सुना जाना और गुना जाना समय रहते बहुत जरूरी है। उसी जरूरत की अनिवार्यता से जनमती हैं- 'दो कमरे का मन' जैसी अद्भुत कथा - रचना । मनुष्य और प्रकृति की परस्परता की सदियों पुरानी अदम्य ललक से अभिव्यक्ति पाती है उनकी मर्मस्पशी मनोवैज्ञानिक कहानी ‘आम का पेड़’।