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Title:
Sangeet Patrikaon Ka Safar
Description:
लोकतंत्र में पत्रिकाएं वैचारिक बहसों को और अभिव्यक्ति के अधिकार को मंच प्रदान करती रही है। सामंतवादी और घरानेदार संगीत को लोकतांत्रिक बनाने में और इसे जनसामान्य तक पहुंचाने में संगीत पत्रिकाओं का अमूल्य योगदान रहा है। संगीत की पत्रिकाओं ने संगीतकारों, संगीत लेखकों व संगीत प्रेमियों के लिए एक बौद्धिक एवं स्वतंत्र मंच के रूप में कार्य किया, जिस पर सभी को अभिव्यक्ति, आलोचना व समीक्षा का समान अधिकार मिला। प्रस्तुत पुस्तक में भारतीय संगीत में संगीत पत्रिकाओं के करीब सवा सौ सालों के क्रमिक विकास को उसके विश्लेषण के साथ रेखांकित करने का प्रयास किया गया है।