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Title:
Jansanchar Madhyam Bhasha aur Sahitya
Description:
मीडिया और हिंदी भाषा एवं साहित्य के अंतर्संबंधों पर ज्यादा काम नहीं हुआ है। होना चाहिये। हिंदी में मीडिया को लेकर जो कुछ प्राय: लिखा जाता है वह मीडिया-द्वेषी दृष्टि से संचालित रहता है। मीडिया के मित्र की दृष्टि से उसके बारे में नहीं सोचा जाता। एक संचार-समाज में रहते हुए और एक सूचना समाज की देहलीज पर खड़े हुए लोग यदि अब भी मीडिया से आक्रोत रहते हैं तो यह मीडिया का दोष नहीं कहा जा सकता।