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Title:
Manavvaad Aur Sahitya
Description:
पुस्तक के पहले भाग में मानववादी चिन्तन को प्रस्तुत किया गया है और दूसरे में उस चिन्तन से प्राप्त संदृष्टि के परिप्रेक्ष्‍य में साहित्यिक प्रश्नों पर विचार किया गया है। चिन्तन से प्राप्त निष्कर्षों को यांत्र‍िक ढंग से साहित्य पर लागू करने का अर्थ होगा लेखक की वैचारिक और सर्जनात्मक स्‍वतंत्रता की अवमानना।