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Title:
Aasoon Se Bachkar
Authors:
Description:
इस संग्रह की कविताओं में बहुत बार आँसुओं का जिक्र है। यह चर्चा कभी आँसू बहाकर की है तो कभी आँसू पोंछकर। बचपन में मुझे दरवाजे के पीछे छुपकर रोने की आदत थी जो सम्भवत: स्थानाभाव के कारण रही होगी, परन्तु बड़ा स्थान मिलने पर बड़े से बड़ा कमरा भी दरवाजा बन्द करके रोना अच्छा लगता रहा। ऐसा नहीं हुआ कि अपना रोना तो छुपकर रोया हो और दूसरों का रोना दूसरों के सामने।