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Title:
Dilli Hamesha Dur
Authors:
Description:
इस किताब में एकत्र लेखों को 'ललित निबन्ध' के सामान्य वर्ग में रख देना अधिक सुविधापूर्ण होता लेकिन जब नज़र आया कि इनमें 'लालित्य' की मात्रा कुछ कम और 'विगलन' की कुछ अधिक है; साथ ही निबन्ध के 'रचाव' की तुलना में जोर ब्योरे के 'बिखराव' पर दिया गया है, तो ललित लेखन की एक उपश्रेणी 'विगललित गद्य' बनाना उसी तरह उपयोगी जान पड़ा।