This is an ebook only and can't be downloaded and printed.
Add To BookRack
Title:
Niz Gharey Pardesi
Description:
हजारों बरसों से आदिवासियों को खदेड़ने का काम जारी है। उनका शोषण और दोहन। उनकी संस्कृति को न तो यहाँ के वासियों ने पनपने या विकसित होने दिया और न ही उसे आत्मसात कर मूलधारा में शामिल होने दिया। जिससे इन पर उनका वर्चस्व कायम रहे। फलस्वरूप रूक गया उनकी संस्कृति और भाषा का विकास। इस सबके बावजूद उसने अपनी पहचान आदिवासी के रूप में कायम रखी।