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Title:
Lehron ki Lai
Description:
प्रख्यात लेखक-चिन्तक निर्मल वर्मा ने कभी कहा था ‘यात्राएं हमें बाहर ही नहीं, हमारे अन्दर के अपने अनजाने कोनों तक भी ले जाती है।’ रमणिका गुप्ता अपने इन यात्रा-संस्मरणों में बार-बार अपने अन्दर के इन्हीं अनजाने कोनों में पहुंच जाने के रोमांच से भरी दिखती हैं, मगर यह कोना महज एक लेखक का नहीं, बल्कि एक सामाजिक-सांस्कृतिक-राजनीतिक कार्यकर्ता का भी कोना है।