This is an ebook only and can't be downloaded and printed.
Add To BookRack
Title:
Kya Fir Wahi Hoga
Description:
उषाराजे सक्सेना का यह कविता-संग्रह कविता की तीन विधाओं का एक मंच पर किया गया उद्घोष है। इसमें अतुकांत कविताओं का विचार-तत्व भी है, इसमें गीत की लालित्यपूर्ण भाव-प्रवणता भी है और गजल- जैसी विधा की नाजुक खयाली भी है। लेकिन बड़ी बात यह है कि अलग-अलग तीन रास्तों पर चलते हुए भी वे अपने भावलोक और विचार बिन्दुओं में कोई अलगाव नहीं रखतीं। उनकी संवेदना का धरातल एक ही है। इस संवेदना का धरातल एक ही है।