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Title:
Bhaasha,Itihaas Aur Sahity Ka Punarpath
Description:
बरसों से भाषाविज्ञान को नीरस विषय माना जाता रहा है । सरस भाषा में इस अनुशासन की प्रस्तुति शायद कठिन है । प्रस्तुत पुस्तक में भाषा विज्ञान के कुछेक चिंतनों को सहज ढंग से कहा गया है , ऐसे मानो वे गीत गा रहे हों । कई पारंपरिक भाषा विषयक चिंतनों को नए ढंग से लिखने का प्रयास भी है। ऐसे चिंतन संभव है कि आपको विचलित करे या चौंकाए, मगर वे मौलिक एवं सही हैं ।