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Title:
Prasad Ki Sahityik Drishti
Description:
‘प्रसाद की साहित्यिक दृष्टि’ में लेखन की खासियत यह है की उसमें कलात्मक कृति का प्रतिपाद्य, विषय- प्रतिपादन, अनुभव जन्य अभिव्यक्ति, ये तीनों बातें प्रमुख स्थान पाती है। इस पद्धति में लेखक का उद्देश्य कृति को उसके वास्तविक रूप में देखकर निरपेक्ष रूचि स्थापित करना है, जो कठिन कार्य है।