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Title:
Chune Huye Sher
Description:
इनकी ग़ज़लें एक ऐसी दुनिया को खोलती हैं, जहाँ आदमी अकेला तो है पर उसके अकेलेपन को दूसरे से जोड़ने का हुनर भी इन्हीं में है। ऐसा हुनर जो शून्य के प्रति प्रार्थना और अनुपस्थिति के साथ संवाद की तरह होता है। इसमें कोई संशय नहीं कि ग़ज़ल विधा के विकास में हरेराम समीप ने अपने लेखन में परंपरा को बचाते हुए हर बार कुछ नया और मौलिक जोड़ कर लिखा है।