डॉ. सचिन गपाट : 'आख़िरी छलाँग' उपन्यास किसानों को आत्महत्या के लिए उकसानेवाली ज़मीन को सामने लाने का महत्त्वपूर्ण कार्य करता है । इस उपन्यास में उपन्यासकार केवल यथार्थ को अभिव्यक्ति नहीं देता बल्कि आशावाद को भी प्रकट करता है । किसानों को आत्महत्या की ओर ले जानेवाली स्थितियों के विरोध में लड़ने के लिए यह उपन्यास सामाजिक संगठन पर बल देता है । किसानों को अपने ऊपर मँडराते ख़तरे की आहट भी इसमें मिलती है । कुल मिलाकर शिवमूर्ति का यह उपन्यास समस्याओं के मकड़जाल से किसानों को बाहर निकालने की दृष्टि से उल्लेखनीय है ।