हिंदी दैनिक नवभारत टाइम्स से साढ़े तीन दशक तक जुड़े रहे और राजनयिक सम्पादक के तौर पर सेवारत रहे लेखक रंजीत कुमार 1984-85 के दौरान पेइचिंग में रहे । चीन से नवभारत टाइम्स और कई अन्य पत्र-पत्रिकाओं के लिये रिपोर्ताज व लेख भेजकर भारतीयों को बदलते चीन के बारे में अवगत कराने वाले वह पहले भारतीय पत्रकारों में रहे हैं। 2004 में लेखक को कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में वुल्फसन प्रेस फेलो के तौर पर आमंत्रित किया गया था। वह अंतरराष्ट्रीय सामरिक व कूटनीतिक विषयों पर हिंदी व अंग्रेजी की पत्र-पत्रिकाओं में लिखते हैं ।