Krishna Kanhaiya

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About Author

जन्म स्थान: पटना, बिहार, भारत शिक्षा:- एम.बी.बी.एस.(आनर्स), एम.एस. (सर्जरी), एफ.आर.सी.एस. ( एडिनबरा ), एम. आर. सी. जी. पी. (लंडन), डी.एफ.एफ.पी.(लंडन) । संक्षिप्त विवरण: कविता-शायरी के साथ-साथ संगीत का शौक विद्यार्थी जीवन से था जो समय के साथ-साथ जिंदगी से जुड़ता चला गया । बचपन में तुकबन्दी करता था पर नियमित रूप से लिखना कॉलेज के दिनों से शुरू हुआ जो 1995 में मेरे इंग्लैंड आने के बाद भी ज़ारी है। विदेश आने के बाद अपनी संस्कृति का गर्व, अपने संस्कार की गरिमा, अपने गाँव की शुद्ध सौंधी खुशबू और अपनी मातृभूमि से अनवरत लगाव मेरी अन्तरात्मा को ज़्यादा उद्वेलित करने लगा था जिसकी झलक अब भी मैं अपनी कविताओं, ग़ज़लों और शेरो-शायरी में हरदम मिलती है। क़रीब 10 सालों मे फ़ेसबुक पर हर दिन एक मुक्तक लिखता हूँ । प्रकाशित रचना:- 2005 में 67 कविताओं की कविता संग्रह/2008 में प्रकाशित हुई प्रवासी कवियाओं का संकलन 'सूरज की सोलह किरणें' में मेरी कवितायें/2012 में द्विभाषीय कविता संग्रह “किताब ज़िंदगी की" वाणी प्रकाशन से छपी/2013 में प्रवासी भारतीयों की कविताएँ 'देशान्तर' में कवितायें छपी। ई-पत्रिका 'अनुभूति' में कवितायें और ग़ज़ल छपी है। और त्रिमासिक पत्रिका — 'आधुनिक साहित्य' और 'पुरवाई' में भी कवितायें /ग़ज़लें प्रकाशित होती हैं।/2020 में कविता संग्रह ‘किताब सम्वेदना की'/2021 में कविता संग्रह 'अनछुय तथ्य'/2023 में प्रवासी कविता संग्रह "हर पल वसंत रचते हैं"/2023 में कविता संग्रह "मौन दीवारों का सच" प्रकाशित हुई । मैं 15 सालों से गीतांजलि बहुभाषीय साहित्यिक संगठन से जुड़ा हूँ और 9 सालों तक जेनरल सेक्रेटरी रहा हूँ। सम्मान प्राप्त:- 2011 प्रशस्ति पत्र यू.के. क्षेत्रीय हिन्दी सम्मेलन/2012 में लक्ष्मीमल सिंघवी साहित्य सम्मान पत्र एवार्ड से भारतीय काउंसिल लंडन में सम्मानित हुआ/2013 में ही पद्मानन्द साहित्यिक सम्मान से हॉउस ऑफ लार्ड में सम्मानित किया गया।/2016 में विश्व हिंदी साहित्य परिषद् द्वारा बर्मिंघम साहित्य उत्सव में सृजन भारती सम्मान/2020 सम्मान पत्र हिन्दी अकादमी एवम् आर के पब्लिकेशन समूह मुंबई, भारत/2021 हिंदी एकादमी गौरव सम्मान, मुंबई महाराष्ट्र, भारत/2022 में ग्रामीण गौरव सम्मान, बिहार, भारत / 2023 में अंतरराष्ट्रीय साहित्य भूषण सम्मान, मुंबई महाराष्ट्र, भारत ।