हिंदी के समकालीन कथा और उपन्यास साहित्य में सुषम बेदी आज एक जाना-माना नाम है ।
1 जुलाई 1945 को पंजाब के फीरोजपुर नामक शहर में जन्मी सुषम बेदी ने अपनी पहचान विश्वस्तर पर बनाई है और वह भी केवल अपनी लेखनी के ही माध्यम से ।
इन्होंने दिल्ली से 1964 में बी.ए., 1966 में एम.ए. और 1968 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से एम.फिल. की डिग्री तथा 1980 में पंजाब यूनिवर्सिटी से पीएच.डी. की उपाधि ली ।
1979 में आप संयुक्त राष्ट्र अमरीका में जा बसीं और 1985 से कोलंबिया विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क में हिंदी भाषा और साहित्य की प्रोफेसर हैं ।
हवन, लौटना, नव भूम की रसकथा, गाथा अमरबेल की, कतरा दर कतरा, इतर, मैंने नाता तोड़ा तथा मोर्चे आपके प्रसिद्ध उपन्यास हैं।
चिडि़या और चील कहानियों का अद्भुत संग्रह है । आपने हिंदी नाट्य प्रयोग के संदर्भ में शोधग्रंथ भी लिखा है ।