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Title:
Godan Ko Fir Se Padhte Hue
Description:
इस अंक के संगोष्ठी खंड में वे आलेख संकलित हैं जो उपर्युक्त संगोष्ठी में पढ़े गए थे या फिर उसी के निमित्त लिखे गए थे। वरिष्ठ आलोचक नामवर सिंह ने इसमें उद्घाटन वक्तव्य के साथ गोदान में विचारधारा सत्र का आरम्भिक और अध्यक्षीय वक्तव्य भी दिया था। उनका सम्पूर्ण वक्तव्य यहाँ एक साथ दिया जा रहा है। दूसरे खंड में वे लेख शामिल हैं जो अंक की मूल भावना के अनुरूप हैं। वी. एस. नरवाणे, पी. सी. जोशी, मीनाक्षी मुखर्जी और अधवेश कुमार सिंह के अंग्रेज़ी में लिखे गए लेखों का अनुवाद हिंदी में पहली बार प्रस्तुत है।