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Title:
Agnigarbha Shabd
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Description:
यह ‘अनुगूँजों वाला अर्थ’ ही अग्निगर्भा शब्द को शब्दायित करता है। प्रस्तुत संग्रह की कविताएँ उक्त अर्थबोध को बोधित हैं। शब्द- मौन जिजीविषा का ही आदिप्त हठ है जिससे राजी सेठ की कविताएँ सावेगित बोलती हैं हक से! समय और समकाल का स्वर कवयित्री राजी सेठ की कविताओं में निनादित है। स्त्री-स्वर मुखरित हुआ है।