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Title:
Ikkeesveen Sadi Aur Pichhda Varg
Description:
पिछले कुछ सालों से मुख्यधारा का मीडिया यह दुष्प्रचार करने में मुब्‍त‍िला है कि पिछड़ी जातियां साम्प्रदायिक हैं। मुख्यधारा का मीडिया अपने इस दुष्प्रचार में तब और सफल होता हुआ दिखता है जब आम लोगों के साथ-साथ बुद्धिजीवी तबका भी इस धारणा को बल देता है कि सही में, पिछड़ी जातियों का चरित्र और प्रकृति साम्प्रदायिक किस्म की हैं या वर्तमान में देश में साम्प्रदायिकता का जो उभार देखने में आ रहा है उसको अंजाम पिछड़ी जातियों के लोग ही देते आ रहे हैं।